यह सच है कि एक व्यक्ति, अपना आदर्श जीवन जीकर, आदर्श समाज की नींव रख सकता है। एक आदर्श समाज ईमानदारी, दया और जिम्मेदारी की नींव पर बनता है | हम जिस तरह का जीवन जीना चुनते हैं, उसका सीधा असर हमारे आसपास की दुनिया पर पड़ता है। जब व्यक्ति ईमानदार, दयालु और जिम्मेदार बनने का प्रयास करते हैं, तो यह एक ऐसा सकारात्मक प्रभाव पैदा करता है जो पूरे समुदाय को बदल सकता है। जब हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं, तो यह हमारे आसपास के लोगों को प्रेरित करता है और उन्हें भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
गहराई से सोचना और विश्लेषण करना
सबसे जरूरी है हमारा सोचना, जितनी भी गहराई तक हम सोच सकते हैं, चीजों का विश्लेषण कर सकते हैं, जरूर करें। आप क्या खा रहे हैं, क्यों खा रहे हैं। क्या हम जो ग्रहण करते हैं वह हमें पोषण देता है या नुकसान। आप अपने खाने से किसी और का नुकसान तो नहीं कर रहे?
हमारे कार्य केवल स्वयं तक सीमित नहीं रहते, वे दूसरों के जीवन में लहरें पैदा करते हैं। क्या हम दूसरों को लाभ पहुंचाते हैं या उन्हें पीछे धकेलते हैं? क्या हम केवल अपनी भलाई के बारे में सोचते हैं या दूसरों के कल्याण को भी ध्यान में रखते हैं? क्या मैं स्वार्थी तो नहीं? स्वार्थ, आत्म-संरक्षण के मुखौटे में छिपा, एक सीमित दृष्टिकोण ( नजरिया) है। स्वार्थ, खुद को बचाने का एक बहाना है । यह हमें सिर्फ अपने बारे में सोचने और अपनी इच्छाओं और ज़रूरतों को सबसे पहले रखने के लिए प्रेरित करता है।
- यह हमें दूसरों की भावनाओं और ज़रूरतों को अनदेखा करने के लिए प्रेरित करता है।
- यह हमें गलत और अनुचित तरीकों से काम करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
- यह हमें दूसरों से अलग और अकेला महसूस करा सकता है।
- यह हमें जीवन में सच्ची खुशी और पूरी तरह से खुश रहने से रोक सकता है।
सच्ची संतुष्टि दूसरों के साथ जुड़ने और सभी के उत्थान में योगदान करने में निहित है। यह हमें एक बेहतर इंसान और एक बेहतर समाज बनाने में मदद करेगा।
आपके काम का दायरा और उसका प्रभाव
हर किसी के जीवनयापन का एक जरिया होता है, चाहे नौकरी हो या अपना कारोबार। हम अक्सर अपने काम में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि यह भूल जाते हैं कि हम जो कर रहे हैं, उसका व्यापक दायरा होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आपका काम किस चीज का हिस्सा है? यह समाज को कैसे प्रभावित करता है? क्या यह प्रकृति के संसाधनों का दोहन करता है या पर्यावरण को संवारने में मदद करता है?
आपके काम का प्रभाव आपके कार्यस्थल की दीवारों से परे फैलता है. यह समाज की रीढ़ बन सकता है, रोजगार पैदा कर सकता है और आर्थिक विकास को गति दे सकता है। या फिर यह दूसरों के अधिकारों का हनन कर सकता है, प्रदूषण फैला सकता है, और प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर सकता है।
यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने काम की गंभीरता से जांच करें और यह आत्म-विश्लेषण ही हमें एक बेहतर इंसान बना सकता है.
अपने आप को गहराई से समझने का प्रयास करें (Try to Decode yourself):
अपने आपको अच्छे से जानने की कोशिश करें | देखें कि आप कैसे काम करते हैं और कैसी प्रतिक्रिया देते हैं | अपने विचारों और आदतों को समझने का प्रयास करें | आप क्या खाते हैं और उससे आपको कैसा महसूस होता है| क्या चीजें आपको गुस्सा दिलाती हैं और क्या चीजें आपको शांत रखती हैं| दूसरों से मान्यता पाने की बजाय खुद को गहराई से जानना ज़्यादा ज़रूरी है | गौर करें कि क्या चीज़ें आपके दिल को हल्का करती हैं और क्या चीज़ें उसे बोझिल बनाती हैं
Observe your patterns of actions & reactions, thoughts & behavioral patterns. What you eat and how you feel. What makes you angry or what keeps you calm? The more you know about yourself from your own lens instead of being validated by others. Feel makes you light inside your heart and what is it that is making it heavier to carry it inside.